पीढ़ी अंतराल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
पीढ़ी अंतराल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

बुधवार, 3 जून 2020

पीढ़ी अंतराल


 मात्रा भार:(10,14)



पीढ़ी अंतराल,बड़ा मचाता है बवाल 
रोते हैं बुजुर्ग,उठा घर में है भूचाल।।

पीढ़ी नव कहती, नया आया है जमाना।
इनको तो बस है, हमपे हुक्म ही चलाना।
समझे नव पीढ़ी,  उन्हें जी का जंजाल।
पीढ़ी अंतराल,बड़ा मचाता है बवाल।।

मेरी ना सुनता,  नहीं बैठे मेरे पास।
सिसके हैं बुजुर्ग, हम न आएँ इनको रास।।
करें बस  धृष्टता , धरें अंतस नहीं मलाल।
पीढ़ी अंतराल,बड़ा मचाता है बवाल।।

नव और पुराना, ये टकराव घटाना है।
समझें दूजे को, मन के भेद मिटाना है।।
होंगे सब प्रसन्न, घर में होगा फिर धमाल।
पीढ़ी अंतराल,बड़ा मचाता है बवाल।।

सुधा सिंह 'व्याघ्र'