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रविवार, 5 अप्रैल 2020

अपनी मोहब्बत में...





मोहब्बत में हमें अपनी बेकरार कर लो।
अपने चहेतों में हमें भी शुमार कर लो।।

हम लाख हसरतें लिए बैठे हैं दिल में
अपने जीवन का हमको हकदार कर लो।।

लाख जतन किए हमने मनाने के तुम्हें
कभी तो हमारा तुम ऐतिबार कर लो।।

ये ख्वाहिशें आसानी से मिट नहीं सकती
चाहे कोशिशें तुम बारहा हज़ार कर लो।।

खुलेगा किस्मत का ताला हमारे भी कभी
सनम थोड़ा सा और इंतजार कर लो।।

फायदा ही फायदा है इश्क़ के सौदे में यार
एक बार तो मोहब्बत का कारोबार कर लो





गुरुवार, 23 जनवरी 2020

स्याह परतों के नीचे :





स्याह परतों के नीचे, सत्य कब तक छुपेगा?
धूल हिय से हटा , सबकुछ निर्मल दिखेगा!!

दीपक हमारा बुझाकर न सोचो ,
तुम्हारा मकां ज्यादा रोशन दिखेगा!!

लड़खड़ाते हुओं को उठाकर दिखाओ,
उनके आशीष से दिन तुम्हारा बनेगा!!

पंथ में तुम किसी के न कंटक बिछाओ,
चले उस पंथ तुम जो, तुम्हें वह चुभेगा!!

द्वेष के भावों से कुछ न हासिल  'सखे',
रखें सद्भाव  मन  में तो जीवन खिलेगा!!

फेंक कर कीच सूरज पे भ्रम में न रहना,
अब न चमकेगा व‍ह, न दोबारा उगेगा!!

दिखे गर जो खा़मी , दिखा दें हमें,
सुधरने का हमको भी अवसर मिलेगा!!


सुधा सिंह व्याघ्र ✍️