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शुक्रवार, 17 जुलाई 2015

एकता




आओ बच्चों  हम सब सीखे, जीने  का  एक  नया  सलीका।
हम सब अगर  एक  हो जाएँ ,  बाल न बांका  होगा  किसी का।

हाथी झुंड में  जब आता है, खूंखार  भेड़िया  घबराता है ।
है एकता  की  यह ताकत, आसमान  भी  झुक  जाता है ।

एक  बूंद  धरती पर गिरके ,क्षणभर में  मिट जाती है ।
मिले अगर  वह  और  बूंद  से, वह समुद्र  बन जाती है ।

 पुष्प अगर  अकेला  है तो,उपवन  नहीं महकते हैं ।
कई पुष्प जब मिल जाते हैं, माला  बनके  मुसकाते हैं।

एक  ऊंगली  कुछ  कर  नहीं  सकती,  पांचों  मिले तो क्या  है बात।
मिलकर मुट्ठी  जब बन जाते, खट्टे  हो दुश्मन  के  दांत ।

ये केवल  एक  शब्द नहीं, इसमें  असीम  ताकत का  वास।
हर बाधा  पर होगी  विजय, सब मिलकर  जब करें प्रयास ।

पुरखों  ने यह बतलाया  है, निसर्ग  ने  भी  सिखलाया है ।
साथ  सभी  जब आ जाएंगे,  ह्रास कभी  न  होगा  किसी का ।

आओ बच्चों  हम सब सीखे, जीने  का  एक  नया  सलीका।
हम सब अगर  एक  हो जाएँ ,  बाल न बांका  होगा  किसी का।