🌷 गीतिका 🌷
🌺 देवी छंद 🌺 **********************
मापनी- 112 2
हम सेवी।
तुम स्वामी ।।
मुख तेरा ।
अभिरामी।।
पद लागूँ।
दिक- स्वामी।
हम दंभी।
खल कामी।।
अपना लो।
भर हामी।।
चित मेरा।
*क्षणरामी*।।
हँसते हैं।
प्रति गामी।।
कर नाना।
बदनामी।।
बन जाऊँ।
पथ गामी।।
सुधा सिंह 'व्याघ्र'
क्षणरामी- कपोत, कबूतर