मोहन मधुर बजाओ बंशी-भजन
मात्रा भार--16, 14
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मोहन मधुर बजाओ बंशी,
प्रेम मगन हो इतराऊँ
देख देख पावन छवि तेरी
मन ही मन मैं शरमाऊँ
अपलक राह तुम्हारी देखूँ
हे कान्हा तुम आ जाओ
टेर सुनो अब मेरी कान्हा
यूँ मुझको मत तड़पाओ
छेड़ दो दिल के तार हरि ओ
गीत खुशी के मैं गाऊँ
मैं हूँ जोगन तुम्हरी कान्हा
तुम भी जोगी बन आओ
नंदन वन में रास करेंगे
लीला अपनी दिखलाओ
बिना तुम्हारे कब तक कान्हा
उर अन्तर को बहलाऊँ
बाट जोहती पलक बिछा कर
हे कान्हा तुम आ जाओ
माधव नाव फँसी मझधारे
आकर पार लगा जाओ
हे मुरलीधर, हे सर्वेश्वर
तुम्हें देख लूँ सुख पाऊँ
सुधा सिंह 'व्याघ्र'