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मंगलवार, 4 मई 2021

ओ कान्हा मोरे

 

ओ कान्हा मोरे (भजन) 



ओ कान्हा मोरे, बंसी फिर से बजा दो। 

तुम्हरे दरस को प्यासे नैना, फिर से दरस दिखा दो।। 



तुम बिन मन मेरा, लागे कहीं न अब। 

तुमसे दूरी, जाए सही न अब ।। 

रिश्ते- नाते , रूठ गए सब। 

कैसे बिताऊँ, दिन- रैना अब।। 

आकर तुम ही बता दो । 

ओ कान्हा मोरे, बंसी फिर से बजा दो।। 


तुमको अपना, सबकुछ माना। 

मन उजियारा, भर दो कान्हा।। 

जाऊँ यहाँ या, उत मैं जाऊँ। 

धर्म - अधर्म कुछ, समझ न पाऊँ।। 

गीता फिर से सुना दो। 

ओ कान्हा मोरे, बंसी फिर से बजा दो।। 


मोर मुकुट, पीताम्बर धारी। 

अंतिम आशा, तुम हो हमारी।। 

है छवि तुम्हरी, अति मनभावन। 

चरण में तुम्हारे, पतझड़ - सावन ।। 

प्रेम की बरखा करा दो। 

ओ कान्हा मोरे, बंसी फिर से बजा दो।। 



रविवार, 13 सितंबर 2020

शिव जी की स्तुति ( भजन)

 


शंकर भज लो जी, 

हाँ जी शंकर भज लो जी 

पूजन कर लो जी 

हाँ जी, शंकर भज लो जी 


शिवजी ही आराध्य हमारे

हम जीते हैं उनके सहारे 

पिनाक धारी, डमरूवाले 

शशांक शेखर, हैं रखवाले 

 सुमिरन कर लो जी 

(टेक :शंकर भज लो जी) 


भोले न चाहे चांदी सोना

उर में रखना भक्ति का कोना

दिल से जो एक बार पुकारें 

बाबा हरेंगे कष्ट हमारे 

आरती गा लो जी (टेक :शंकर भज लो जी) 


बेल पत्र से खुश हो जाएँ 

चलो धतूरा भांग चढ़ाएँ

प्रेम भजन से उन को मना लो 

जो कुछ चाहो शम्भु से पा लो 

वंदन कर लो जी (टेक :शंकर भज लो जी) 



शुक्रवार, 29 मई 2020

शिव शंकर ,हे औघड़दानी (भजन)

भजन (16,14)


शिव शंकर ,हे औघड़दानी
बेड़ा पार करो मेरा।
भव अम्बुधि से, पार है जाना, 
अब उद्धार करो मेरा।। 

काम, क्रोध, व लोभ में जकड़ा, 
मैं   मूरख  , अज्ञानी हूँ ।।
स्वारथ का पुतला हूँ भगवन
मैं पामर अभिमानी हूं।।

भान नहीं है, सही गलत का,
करता  मैं, तेरा मेरा।
शिव शंकर ,हे औघड़दानी
बेड़ा पार करो मेरा।।

माया के चक्कर में उलझा 
मैंने कइयों पाप किये ।
लोगों पर नित दोष मढ़ा अरु 
कितने ही आलाप किये ।।

जनम मरण के छूटे बंधन 
मिट जाए शिव अंधेरा।
शिव शंकर ,हे औघड़दानी
बेड़ा पार करो मेरा।।

 मैं याचक तेरे द्वारे का 
भोले संकट दूर करो ।
क्षमा करो गलती मेरी शिव 
अवगुण मेरे चित न धरो ।।

रहना चाहूँ शरण तुम्हारी 
रुद्र बना लो तुम चेरा।
शिव शंकर ,हे औघड़दानी
बेड़ा पार करो मेरा।।

दुष्टों से पीड़ित यह धरती  
करती भोले त्राहिमाम ।। 
व्यथित हृदय को उसके समझो 
प्रभु लेती तुम्हारा नाम ।।

हे सोमेश्वर ,हे डमरूधर  
कष्टों ने आकर घेरा ।
शिव शंकर ,हे औघड़दानी
बेड़ा पार करो मेरा।।

सोमवार, 6 अप्रैल 2020

मोहन मधुर बजाओ बंशी...


मोहन मधुर बजाओ बंशी-भजन
मात्रा भार--16, 14
ःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःःः
मोहन मधुर बजाओ बंशी,
प्रेम मगन हो इतराऊँ
देख देख पावन छवि तेरी 
मन ही मन मैं शरमाऊँ

अपलक राह तुम्हारी देखूँ
हे कान्हा तुम आ जाओ
टेर सुनो अब मेरी कान्हा 
यूँ मुझको मत तड़पाओ
छेड़ दो दिल के तार हरि ओ 
गीत खुशी के मैं गाऊँ

मैं हूँ जोगन तुम्हरी कान्हा 
तुम भी जोगी बन आओ 
नंदन वन में रास करेंगे 
लीला अपनी दिखलाओ 
बिना तुम्हारे कब तक कान्हा 
उर अन्तर को बहलाऊँ

बाट जोहती पलक बिछा कर
हे कान्हा तुम आ जाओ
माधव नाव फँसी मझधारे
आकर पार लगा जाओ 
हे मुरलीधर, हे सर्वेश्वर 
तुम्हें देख लूँ सुख पाऊँ 


सुधा सिंह 'व्याघ्र' 

गुरुवार, 25 अप्रैल 2019

हे साईं... साईं वंदना


हे साईं.. हे साईं... 
तू कर दे बेड़ा पार.... हे साईं.. हे साईं - 2
मोहपाश में फँसा हूँ मैं
मेरा कर दे तू उद्धार.... हे साईं.. हे साईं - 2

तू कर दे बेड़ा पार.... हे साईं.. हे साईं  - 2

दुखियों का तू तारण हारा. - 2
जन जन पर तेरा अधिकार... हे साईं.. हे साईं
तू कर दे बेड़ा पार.... हे साईं.. हे साईं

भूख ग़रीबी लाचारी में
जीवन मेरा बीत रहा है
मन की आशाओं का घट भी
साईं अब तो रीत रहा है
न मुझको यूँ दुत्कार.... हे साईं.. हे साईं

तू कर दे बेड़ा पार.... हे साईं.. हे साईं

भटक रहा हूँ दर दर मैं तो
सभी पराए लगते अब तो
मुझको तू दाता अपना ले
है तू ही मेरा करतार... हे साईं.. हे साईं

तू कर दे बेड़ा पार.... हे साईं.. हे साईं

तेरी चौखट पर आया हूँ
मन मुरादें मैं लाया हूँ
खाली झोली भर दे मेरी
कर दे तू उपकार... हे साईं.. हे साईं

तू कर दे बेड़ा पार.... हे साईं.. हे साईं

तू कर दे बेड़ा पार.... हे साईं.. हे साईं
मोहपाश में फँसा  हूँ मैं
मेरा कर दे तू उद्धार.... हे साईं.. हे साईं - 2

हे साईं... हे साईं .... हे साईं..... हे साईं
मेरा कर दे तू उद्धार.... हे साईं .. हे साईं- 2