प्रभु अरज मेरी बस इतनी -सी है ,
बने रहें हम सब इनसान ॥
नजर में कोई खोट न हो,
न करें किसी का भी अपमान ॥
करो कृपा सही राह पकड़ लें,
औ' चल पाएं हम सीना तान ॥
न कभी किसी को दुखी करें ,
बना रहे सबका सम्मान॥
लालच अन्याय और अत्याचार,
मिट जाए इनका नाम निशान ॥
हमको इस काबिल देव बना ,
चोटिल न हो हमारा स्वाभिमान ॥
न नीयत कभी बिगड़ने पाए,
सबको तू इतना दे भगवान ॥
प्रभु अरज मेरी बस इतनी सी है ,
बने रहे हम सब इनसान ॥