रविवार, 23 अप्रैल 2017

अहसास

इल्म है मुझे कि तुम मेरे दुख का सबब भी न पूछोगे,
सोचके कि कही तुम्हें आँसू न पोछने पड़ जाएं
शायद अनजान बने रहना
ही तुम्हें वाजिब लगता है.

सुधा सिंह

गुरुवार, 20 अप्रैल 2017

तसव्वुर उनका.

देखा उन्हें ख्यालों में खोए हुए,
न जाने किसका तसव्वुर है,
जो उन्हें उनसे ही जुदा कर रहा है.

सुधा सिंह