दिनांक :३.११.१९
विधा :~मनहरण घनाक्षरी छंद ~
देश की माटी ये मेरी , लाल रक्त से सनी है।
आँखों में हैवानियत, ख्यालों में है नीचता।।
नेता खून चूस रहे , जनता फटेहाल है ।
ऐसी व्यवस्था से नहीं, कोई क्यों निकालता ।।
लाज आज लुट रही , बेटियों की देश की ।
स्वार्थ निज साधते वो, खो चुकी मनुष्यता।।
मान सम्मान इसका, दांव पे लगा है आज।
छेड़ो युद्ध मेरे वीरों , देश है पुकारता ।।
सुधा सिंह 🦋
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