मुक्तक
जियो तुम इस तरह जीवन,
तुम्हारी धाक हो जाए।
तुम्हारी धाक हो जाए।
करो कुछ कर्म ऐसे कि,
सभी आवाक हो जाएं।
सभी आवाक हो जाएं।
वो जीवन भी है क्या जीवन ,
हताशा में बिता दे जो,
हताशा में बिता दे जो,
लगा लो आग सीने में ,
कि हर गम खाक हो जाए।।
कि हर गम खाक हो जाए।।