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रविवार, 17 नवंबर 2019

श्रेष्ठ लड़की (कुण्डलियाँ)

बेटी दिवस 

1:कुंडलियां
लड़कों से लड़की यहाँ , श्रेष्ठ विश्व में आज।
लड़की को शिक्षित करो,लड़की सिर का ताज।।
लड़की सिर का ताज,नाम कर देगी ऊँचा।
देगी खुशी अपार, लखे संसार समूचा।।
सुगम बना दो राह, रिक्त पथ हो अडकों से।
घर लाएगी हर्ष , श्रेष्ठ लड़की लड़कों से ।।

 सुधा सिंह 🦋


अडकों:बाधाओं, रुकावटों


मंगलवार, 7 जुलाई 2015

क्यों वह कहीं और रोप दी जाती है ?


क्यों वह  कहीं  और  रोप दी जाती है ?

जिस  बगिया में  वह अपनी  पहली  सांस लेती है ।
जिस उपवन  को  वह अपनी  खुशबू से  महकाती है ।
जिसे देखकर  माली के चेहरे पर मुस्कान छलक जाती है ।
क्यों वह कहीं और रोप दी जाती है ?

जिसे देखकर  चमन में बहार आती है ।
जिसे देखकर  भंवरों में  चंचलता  आती है ।
वह पूरी तरह खिल भी नहीं पाती है ।
फिर वह  क्यों  बेरहमी से  तोड़  दी जाती है ?

देखकर  जिसे ऋतु वसंत  को तरुणाई  आती है ।
देखकर  जिसे  बयार मंद  - मंद  मुस्काती है ।
क्यों उसकी  खुशियां  जमाने  को रास नहीं  आती हैं?
क्यों वह अपनी  ही  माटी  से  उखाड़  दी जाती है?

ये कैसी रीति है कि
उसे अपना घर  छोड़ना ही पड़ता है ।
उसे अपने  बाबुल से बिछड़ना ही पड़ता है ।
वह अपने छोड़ , दूसरों के सपने सजाती है ।
फिर  भी क्यों  वह पराई  कही जाती है ?

आखिर क्यों  वह  कहीं और रोप दी जाती है? ............