रविवार, 3 नवंबर 2019

देश है पुकारता... मनहरण छंद



दिनांक :३.११.१९
विधा :~मनहरण घनाक्षरी छंद ~

देश की माटी ये मेरी , लाल रक्त से सनी है।
आँखों में हैवानियत, ख्यालों में है नीचता।।

नेता खून चूस रहे , जनता फटेहाल है ।
ऐसी व्यवस्था से नहीं, कोई क्यों निकालता ।।

लाज आज लुट रही , बेटियों की देश की ।
स्वार्थ निज साधते वो, खो चुकी मनुष्यता।।

मान सम्मान इसका, दांव पे लगा है आज।
 छेड़ो युद्ध मेरे वीरों , देश है पुकारता ।।

सुधा सिंह 🦋
 🙏🙏🙏

2 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (05-11-2019) को   "रंज-ओ-ग़म अपना सुनाओगे कहाँ तक"  (चर्चा अंक- 3510)  पर भी होगी। 
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    -- 
    दीपावली के पंच पर्वों की शृंखला में गोवर्धनपूजा की
    हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।  
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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