मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
सुन्दर वातानुकूलित हाइकु
धन्यवाद ऋतु जी।शायद इतने सुहावने वातावरण का कमाल है।������
हाइकु तो ठीक है, पर तुम्हारी कविता अत्यधिक प्रभावशाली होती है। उसे मत भूलना। हम भारतीय हैं और यही हमारी मूल शैली है।शुभकामनाओं सहित । एक भाई।
बहुत धन्यवाद भाई।डाँटने के लिए ही सही आप ब्लॉग पर आए तो।
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा जी हाइकु से वैर भाव इसलिए कि वो जापान से आयातित है... हम तो मानते हैं कि "जब वेद में 5 वर्ण और 7 वर्ण की ऋचाएं हैं तो बौद्ध धर्म के साथ जापान जाकर पुन: भारत आगमन हुआ है...
लाजवाब हायकूवाह!!!
आभार सुधा जी
जी नमस्ते,आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (06-01-2020) को 'मौत महज समाचार नहीं हो सकती' (चर्चा अंक 3572) पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित हैं…*****रवीन्द्र सिंह यादव
धन्यवाद आदरणीय
बहुत सुंदर सृजन सुधा जी।
हृदयतल से आभार दी
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सुन्दर वातानुकूलित हाइकु
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ऋतु जी।शायद इतने सुहावने वातावरण का कमाल है।������
हटाएंहाइकु तो ठीक है, पर तुम्हारी कविता अत्यधिक प्रभावशाली होती है। उसे मत भूलना। हम भारतीय हैं और यही हमारी मूल शैली है।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाओं सहित । एक भाई।
बहुत धन्यवाद भाई।डाँटने के लिए ही सही आप ब्लॉग पर आए तो।
हटाएंपुरुषोत्तम कुमार सिन्हा जी हाइकु से वैर भाव इसलिए कि वो जापान से आयातित है... हम तो मानते हैं कि "जब वेद में 5 वर्ण और 7 वर्ण की ऋचाएं हैं तो बौद्ध धर्म के साथ जापान जाकर पुन: भारत आगमन हुआ है...
हटाएंलाजवाब हायकू
जवाब देंहटाएंवाह!!!
आभार सुधा जी
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (06-01-2020) को 'मौत महज समाचार नहीं हो सकती' (चर्चा अंक 3572) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं…
*****
रवीन्द्र सिंह यादव
धन्यवाद आदरणीय
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन सुधा जी।
जवाब देंहटाएंहृदयतल से आभार दी
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