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सोमवार, 14 जून 2021

कर्ज़

 

मन हरण घनाक्षरी 

विषय :कर्ज़(11/10/2020) 

 

रूखा सूखा खाइए जी 

ठंडा पानी पीजिए जी 

दूजे से उधार किन्तु 

लेने नहीं जाइए 


रातों को न नींद आए 

दिन का भी चैन जाए 

भोगवादी धारणा को

चित्त से हटाइए 


जीना भी मुहाल होगा

दुख बेमिसाल होगा, 

धैर्य सुख का है मंत्र 

उसे अपनाइए 

 

श्रम से विकास होगा 

दीनता का नाश होगा 

श्रम से ही जीवन को

सफल बनाइए 


 सुधा सिंह व्याघ्र 














रविवार, 7 जून 2020

विषय :प्रेम बीज



विधा :मनहरण  घनाक्षरी 



प्रेम का प्रसार हो जी, सुखी संसार हो जी। 
स्नेह बीज रोपने हैं, हाथ तो बढ़ाइये। 1।

दुख दर्द सोख ले जो, वैमनस्य रोक ले जो। 
छाँव दे जो तप्तों को, बीज वो लगाइए। 2।

प्रेम का हो खाद पानी, प्रेम भरी मीठी बानी ।
श्रेष्ठ बीज धरती से, आप उपजाइये ।3।

जो भी हम बोएँगे जी, वही हम काटेंगे भी। 
सोच के विचार के ही, कदम बढ़ाइये। 4।

सुधा सिंह 'व्याघ्र' 


रविवार, 3 नवंबर 2019

देश है पुकारता... मनहरण छंद



दिनांक :३.११.१९
विधा :~मनहरण घनाक्षरी छंद ~

देश की माटी ये मेरी , लाल रक्त से सनी है।
आँखों में हैवानियत, ख्यालों में है नीचता।।

नेता खून चूस रहे , जनता फटेहाल है ।
ऐसी व्यवस्था से नहीं, कोई क्यों निकालता ।।

लाज आज लुट रही , बेटियों की देश की ।
स्वार्थ निज साधते वो, खो चुकी मनुष्यता।।

मान सम्मान इसका, दांव पे लगा है आज।
 छेड़ो युद्ध मेरे वीरों , देश है पुकारता ।।

सुधा सिंह 🦋
 🙏🙏🙏