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बुधवार, 2 मई 2018

दरमियाँ




कह दो हवाओं से कि दरमियाँ न आएँ 
      दूरिया उनसे अब और सही जाती नहीं
            उनके रुखसारों को जब चूमती हैं वो
                   तो रकीब सी लगती हैं





                        सुधा सिंह 🦋 02.05.18

मंगलवार, 24 अप्रैल 2018

तफ़ावत



उनकी कुरबत भले ही मेरे
रकीब के नसीब हो 
जो चेहरे पर तबस्सुम खिले उनके, 
तो तफ़ावत भी उनकी 
मंजूर है हमें





सुधा सिंह 🦋

तफ़ावत: दूरी, फासला
कुरबत :निकटता