रविवार, 5 मई 2019

ओ मेरी प्यारी मइया


ओ मेरी प्यारी मइया 
तुम धूप में हो छइयांँ 
तुम ही मेरी खुशी हो 
तुम जिन्दगी मेरी हो

गर्मी से तुम बचाती 
सर्दी से तुम बचाती 
तुम अलाव सी गुनगुनी हो 
किस मृदा से बनी हो 

गीला किया जो मैंने 
छाती लगाया तुमने 
तर भाग में तुम सोई 
करुणा से तुम भरी हो 

हर हाल में मैं खुश हूं 
मुझे आसरा तुम्हारा 
हूँ कृष्ण- सा मैं चंचल 
तुम यशोदा मांँ मेरी हो 

मुझे भूख जो लगी तो 
मुझको खिलाया पहले 
तुम पानी पीकर रह ली 
ममता से तुम बनी हो 

आंचल की अपनी छाया 
मुझपर सदा ही रखना 
मत खिन्न होना मुझसे 
तुम देवता मेरी हो 





14 टिप्‍पणियां:

  1. वाह भावमय करती अभिव्यक्ति

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  2. कोमल वात्सल्य भरी भावाभिव्यक्ति

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  3. बहुत ही बेहतरीन..भावपूर्ण रचना

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  4. वाह !
    माँ और शिशु के सहज एवं शाश्वत प्रेम की सुंदर अभिव्यक्ति करती रचना
    बेहतरीन सृजन
    🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

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