शुक्रवार, 17 मई 2019

लक्ष्य साधो..


लक्ष्य साधो हे पथिक,
हौसला टूटे नहीं।
कठिन है डगर मगर, 
मंजिल कोई छूटे नहीं।।

गिरोगे सौ बार पर, 
स्मरण तुम रखना यही।
यत्न बिन हासिल कभी, 
कुछ भी तो होता है नहीं।।

पग पखारेगा वो पथ भी, 
जो निराश न होगे कभी।
काम कुछ ऐसा करो, 
मंजिल उतारे आरती।।

संग उसको ले चलो,
जो पंथ से भटका दिखे।
क्लांत हो, हारा हो गर वो, 
साथ देना है सही।।

वृक्षों की छाया तले, 
सुस्ताना है सुस्ता लो तुम।
पर ध्येय पर अपने बढ़ो, 
रुकना नहीं हे सारथी।।

Motivational poem : मना है....


12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही बेहतरीन रचना सुधा जी

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  2. वाह बहुत सुन्दर लक्ष्य को साधो सार्थक चिंतन।

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  3. सुन्दर प्रेरणास्पद पंक्तियां

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  4. वाह !सार्थक चिन्तन प्रिय सखी
    सादर

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  5. पग पखारेगा वो पथ भी,
    जो निराश न होगे कभी।
    काम कुछ ऐसा करो,
    मंजिल उतारे आरती
    बहुत ही सुन्दर, सार्थक, प्रेरक रचना....
    वाह!!!

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