ललकार रहा है हिंदुस्तान
ललकार रहा है हिन्दुस्तान
सुधर जा ओ अब पाकिस्तान!
मारो, काटो, आतंक करो...
ऐ दहशत गर्दों शर्म करो...
क्या इस्लाम यही सिखलाता है?
क्या कुरान से तुम्हारा नाता है?
क्यों खून खराबा करता है?
उस खुदा से क्यों नहीं डरता है?
क्यों अपनी नीच हरकतों से
तू घाटी को दहलाता है?
स्वर्ग से सुंदर धरती को
क्यूँ खून से तू नहलाता है?
ओ मसूद अजहर मौलाना!
तुझे चाह रही हूँ बतलाना!
है पाकिस्तानी शूकर तू
औकात नहीं तेरी लत्तों की!
तेरी हरकत है श्वानो जैसी
दुर्दशा भी होगी श्वानों सी ¡
कश्मीर तेरी जागीर नहीं
मत गंदी नजरे डाल इधर
तेरी लाश के जब जर्रे होंगे
'पाकि' ढूंढेंगे इधर-उधर!
कर ले तैयारी जाने की...
और नर्क में जश्न मनाने की...
तुझे हूरें बहत्तर बुला रही ..
तेरी याद में टेसूएँ बहा रहीं...
तू भारत को ललकार रहा
तेरा काल तुझे है पुकार रहा!
रख याद कि सारी शहादतें
बेकार नही होने देंगे!
तू जब तक खाक नहीं होता
तुझे चैन से न सोने देंगे!
सुधा सिंह 📝
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 17 फरवरी 2019 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंतू भारत को ललकार रहा
जवाब देंहटाएंतेरा काल तुझे है पुकार रहा!
रख याद कि सारी शहादतें
बेकार नही होने देंगे!
तू जब तक खाक नहीं होता
तुझे चैन से न सोने देंगे!
भारत माँ के रत्नो इस तरह से शहीद हो जाना आत्मा को झकझोर कर रख दिया , कब तक होती रहेगी ये शहादत ,भगवान उनके परिजनों को ये दुःख सहने की हिम्मत दे ,हमारे बस में और कुछ तो है नहीं बस आश्रु के रूप में दो श्रद्धा सुमन चढ़ा सकते है। ओजपूर्ण लेखनी है आप की सादर नमन शहीदों को
शुक्रिया सखी कामिनी 🙏 🙏 प्रतिक्रिया में विलंब हुआ. क्षमा चाहती हूँ. 🙏 🙏 🙏
हटाएंबहुत सुन्दर सखी |सभी का ख़ून खोल रहा है पर न जाने क्यों मेरा लहू जम गया |सांसे थम गई |कल सभी की क़लम ठण्डी पड़ जाएगी | आँखें मुझे ताकती रह जायगी |नमन
जवाब देंहटाएंसादर
आभारी हूँ सखी. देर से प्रतिक्रिया देने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ 😔 . 🙏 🙏 🙏
हटाएंऐसे हालात हो गए हैं देश के की अब न साथ खड़े हुए तो देर न हो जाये ... हर हिन्दुस्तानी की आवाज़ एक होनी जरूरी है अब ...
जवाब देंहटाएंप्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय 🙏 🙏
हटाएंबहुत बहुत शुक्रिया अमित जी 🙏 🙏
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