अलविदा 2018
तूने अपने हर पहलू से मुझे रूबरू कराया
कभी हंसाया, तो कभी जार - जार रुलाया
अपने और परायों में भेद भी बतलाया
तुझे भूलना मुमकिन तो नहीं पर
तुझे जाने से कोई रोक भी नहीं सकता.
कभी हंसाया, तो कभी जार - जार रुलाया
अपने और परायों में भेद भी बतलाया
तुझे भूलना मुमकिन तो नहीं पर
तुझे जाने से कोई रोक भी नहीं सकता.
अलविदा 2018
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नव वर्ष
नव वर्ष तुम्हारे स्वागत में
हैं पालक पावड़े बिछे हुए
नव आशा, नव अभिलाषा में
राहों में पुष्प हैं खिले हुए।
रश्मि राथी का हाथ थाम
तुम पास हमारे आ जाओ
भर लो अपने आलिंगन में
ज्वाला नव प्रेम की सुलगाओ।।
हैं पालक पावड़े बिछे हुए
नव आशा, नव अभिलाषा में
राहों में पुष्प हैं खिले हुए।
रश्मि राथी का हाथ थाम
तुम पास हमारे आ जाओ
भर लो अपने आलिंगन में
ज्वाला नव प्रेम की सुलगाओ।।
Happy New year 2019
31.12.2018 सुधा सिंह
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