गीत
मापनी 14, 15
तुझे माना खुदा अपना
तू ही मेरा सितारा है
बिना तेरे नहीं जीना
मेरे दिल ने पुकारा है
1:
तुझे चाहा तुझे पूजा
तेरी ख्वाहिश सदा की है
तेरे ही वास्ते मैंने
सदा रुसवाईयां ली हैं
फँसी है नाव तूफ़ाँ में
तू ही मेरा किनारा है
2:
नहीं तुझसे जुदा होना
मेरे दिल ने यही ठाना
कभी मत छोड़ कर जाना
मैंने सबकुछ तुझे माना
मिरी खातिर ज़मीं पर ही
खुदा ने तुझे उतारा है
3:
अब तलक तो हम अकेली
राहों में ही भटकते थे
आँसुओं की बारिशों में
सदा ही भीगा करते थे
कि इस जालिम जमाने से
इश्क़ हरदम ही हारा है
वाह वाह बहुत सुंदर गीत दी।
जवाब देंहटाएंबधाई।
शुक्रिया प्यारी बहना
हटाएंबहुत सुन्दर और सार्थक अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया गुरुवर
हटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन गीत...
धन्यवाद सुधा जी 🙏
हटाएं