मोहब्बत में हमें अपनी बेकरार कर लो।
अपने चहेतों में हमें भी शुमार कर लो।।
हम लाख हसरतें लिए बैठे हैं दिल में
अपने जीवन का हमको हकदार कर लो।।
लाख जतन किए हमने मनाने के तुम्हें
कभी तो हमारा तुम ऐतिबार कर लो।।
ये ख्वाहिशें आसानी से मिट नहीं सकती
चाहे कोशिशें तुम बारहा हज़ार कर लो।।
खुलेगा किस्मत का ताला हमारे भी कभी
सनम थोड़ा सा और इंतजार कर लो।।
फायदा ही फायदा है इश्क़ के सौदे में यार
एक बार तो मोहब्बत का कारोबार कर लो
सुन्दर भावपूर्ण रचना। बारहा = कई बार
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय 🙏
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आदरणीय ओंकार जी 🙏
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