1:रिश्ते :
यारों इस संसार में, रिश्तों का न मोल।
जिन नातों में प्रेम है , हैं वे ही अनमोल।।
2:कालिमा :
मन में हो जब कालिमा, जग भी बैरी होय।
हिय में प्यार जगाइये, मित्र लगे सब कोय।।
3:अनुबंध :
सात फेरे लगते जब , बनते तब अनुबंध।
जनमों का नाता बने, फैले प्रेम सुगंध।।
4:कलेवर :
रोज नए रंग देखकर, मन जाता है काँप ।
लोग कलेवर ओढ़ते, जैसे ओढ़े साँप।।
5:मान :
पाना हो यदि मान तो, कर लो ऐसे काम।
मिले दुआएं लोक की, जग में होवे नाम।।
6:प्रासाद :
सब चाहे प्रासाद को, नहीं झुग्गी की आस।
शुचिता को हैं त्यागते , करते धर्म का नाश।।
7:कर्महीनता
कर्महीन हो सो रहे, सत्कर्मों को भूल।
पीछे पछताना पड़े ,नाव न लागे कूल।।
8:चिंतन
चिंतन कर ले रे मना, चिंता दे बिसराय।
पावन हो तव आतमा,हिय में हर्ष समाय।।
9:अटल :
अटल इरादे हों अगर , सब कुछ सम्भव होय ।
मुट्ठी में हो ये जहां , मिले आसमां तोय।।
10:आरक्षण :
सबको सबकुछ चाहिए,कम न किसी को भाय।
कर पसारे बैठे हैं, आरक्षण मिली जाय ।।
11:कुर्सी
स्वाभिमान को रौंदकर, कुरसी पीछे धाय।
सज्जनता बाकी नहीं, मातोश्री अकुलाय।।
11 Nov 2019
कुछ नए दोहे :
8:चिंतन
चिंतन कर ले रे मना, चिंता दे बिसराय।
पावन हो तव आतमा,हिय में हर्ष समाय।।
9:अटल :
अटल इरादे हों अगर , सब कुछ सम्भव होय ।
मुट्ठी में हो ये जहां , मिले आसमां तोय।।
10:आरक्षण :
सबको सबकुछ चाहिए,कम न किसी को भाय।
कर पसारे बैठे हैं, आरक्षण मिली जाय ।।
11:कुर्सी
स्वाभिमान को रौंदकर, कुरसी पीछे धाय।
सज्जनता बाकी नहीं, मातोश्री अकुलाय।।
11 Nov 2019
वाह!!!
जवाब देंहटाएंसचमुच जीवनोपयोगी...
लाजवाब दोहे।
शुक्रिया सुधा जी 🙏 🙏 🙏 सादर प्रणाम
हटाएंबहुत सुंदर जीवनोपयोगी दोहे हैं, सुधा दी।
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार १५ नवंबर २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
वाह!!बहुत खूबसूरत दोहे !!
जवाब देंहटाएं'नाव न लागे कूल' ही नहीं, बल्कि - 'भाग्य होय प्रतिकूल'
जवाब देंहटाएंजो अपने पैर पर खुद ही कुल्हाड़ी मारने पर तुला हो उसकी बुद्धि सुधारने के लिए सुधा जी के दोहे बड़े काम के हैं.
वाहः शानदार
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