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बेटी दिवस |
1:कुंडलियां
लड़कों से लड़की यहाँ , श्रेष्ठ विश्व में आज।
लड़की को शिक्षित करो,लड़की सिर का ताज।।
लड़की सिर का ताज,नाम कर देगी ऊँचा।
देगी खुशी अपार, लखे संसार समूचा।।
सुगम बना दो राह, रिक्त पथ हो अडकों से।
घर लाएगी हर्ष , श्रेष्ठ लड़की लड़कों से ।।
सुधा सिंह 🦋
अडकों:बाधाओं, रुकावटों
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (१९ -११ -२०१९ ) को "फूटनीति का रंग" (चर्चा अंक-३५२४) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
सुधाजी, काश कि यह बेमुरव्वत, जाहिल और काहिल पुरुष-प्रधान समाज आपकी सीख पर अमल करे !
जवाब देंहटाएंजी बिलकुल सही कहा आपने आदरणीय. शुक्रिया 🙏 🙏 🙏
हटाएंबहुत खूब ... नारी शक्ति का उदय समाज के ठीक होने की निशानी है ...
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आदरणीय 🙏 🙏
हटाएंशानदार....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया आदरणीय 🙏
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