जानी मानी साहित्यिक वेबसाइट IBlogger द्वारा आयोजित टॉप 10 ब्लोगरों में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर iBlogger से मेरा लिखित साक्षात्कार पढ़िए :
https://www.iblogger.prachidigital.in/bloggers-interview/top-10-blogger
सुधा सिंह जी 2015 से ब्लॉगिंग कर रहीं है। पाठकों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर आपको टॉप 10 ब्लॉगरों में शामिल किया गया था। पिछले दिनों सुधा जी से साक्षात्कार किया गया था। पेश है साक्षात्कार के प्रमुख अंश-
iBlogger : Top 10 Blogger the Year की सूची में अपना नाम शामिल होने पर आपको कैसा लग रहा है?
सुधा सिंह : मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। सच कहूँ तो मुझे कभी लगा ही नहीं था कि blogger of the year के Top 10 ब्लोगरों की सूची में मेरा नाम भी आएगा। परंतु द्वितीय स्थान पाकर अत्याधिक खुशी हो रही है। यूँ लग रहा है कि आज मैंने अपने लक्ष्य का प्रथम पायदान चढ़ लिया है।
iBlogger : Top 10 Blogger में आने के लिए सबसे पहले किसे शुक्रिया कहना चाहेंगे?
सुधा सिंह : iBlogger की पूरी टीम, ब्लॉग जगत के मेरे मित्रों, मेरे सभी परिवारजनों और आत्मीय जनों को मैं तहे दिल से शुक्रिया कहना चाहूँगी जिन्होंने मुझमें विश्वास जताया और मुझे ढेर सारा स्नेह दिया; और हाँ इन सबसे पहले मैं अपने माता – पिता को धन्यवाद कहना चाहूँगी जिनका आशीर्वाद फलीभूत हुआ।
iBlogger : आपकी नज़र में सफल ब्लॉगर की क्या खूबियां होनी चाहिए। क्या आप स्वयं को भी सफल ब्लॉगर मानते हैं?
सुधा सिंह: अँग्रेजी में एक कहावत है कि Rome was not built in a day। किसी भी कार्य की पूर्ति या सफ़लता में समय लगता है। मैं समझती हूं कि ब्लॉगिंग भी एक सतत प्रक्रिया है। जिसे समय देना पड़ता है। एक ब्लॉगर को चाहिए कि ब्लॉगिंग के लिए पर्याप्त समय निकाले। अपने ज्ञान की लगातार वृद्धि करे। साहित्य को पढ़कर अपनी भाषा व शब्द भंडार को समृद्ध करे। दूसरों की रचनाओं को पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया दे।
अपनी सफलता के बारे में, जैसा कि मैंने पहले भी कहा कि अभी तो मैं प्रथम पायदान पर ही पहुंची हूँ कोशिश यही रहेगी कि यह सफ़र जारी रहे। क्योंकि सफल होना और उस सफलता को बरकार रखना दोनों अलग अलग बातें हैं। इस सफ़लता को बरकार रखना ही मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
iBlogger : आप अपने ब्लॉग पर किन विद्याओं में ज्यादा लिखते है?
सुधा सिंह : मेरे ब्लॉग पटल पर आपको सामाजिक कहानियाँ, कविताएं, लघुकथा, हाइकू इत्यादि विधाओं में लिखी कई रचनाएँ पढ़ने को मिल जाएंगी लेकिन मैं छंद मुक्त कविताएं अधिक लिखती हूँ।
iBlogger : आप ब्लॉगिंग के क्षेत्र मे कैसे आये?
सुधा सिंह : मेरी एक परम मित्र पल्लवी गोयल जी के मार्गदर्शन से मैंने ब्लोग्गिंग के क्षेत्र में अपना कदम रखा। पल्लवी गोयल जी भी एक ब्लॉगर हैं और एक अच्छे व्यक्तित्व की स्वामिनी हैं। मैं उनकी बहुत आभारी हूँ।
iBlogger : अब तक के ब्लॉगिंग सफर में किसी परेशानी का सामना करना पड़ा? यदि हां तो वह क्या रही?
सुधा सिंह : मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। बल्कि कई साहित्यकारों से जुड़ने का अवसर मिला। रवींद्र सिंह यादव, श्वेता सिन्हा, विश्व मोहन, पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा जैसे महान व्यक्तियों का अन्तर्जाल सानिध्य प्राप्त हुआ। इन सबने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया। वस्तुतः मेरी एक साझा पुस्तक भी मेरे इन्हीं साथियों की अमूल्य कृतियों के साथ प्रकाशित हो रही है, जो कुछ ही दिनों में उपलब्ध हो जाएगी।
iBlogger : ब्लॉगिंग के लिए आप समय कैसे निकालते है?
सुधा सिंह : दिन भर की व्यस्तता के बाद रात में ही समय मिल पाता है। घर के सभी सदस्यों के सो जाने के उपरांत जब मस्तिष्क शांत हो जाता है तब कुछ लिख लेती हूँ।
iBlogger : आप वर्तमान में ब्लॉगिंग के अलावा क्या कर रहे है?
सुधा सिंह : मैं एक अन्तरराष्ट्रीय विद्यालय में हाई स्कूल शिक्षिका हूँ। ICSE Board के छात्रों को पढ़ाती हूँ।
iBlogger : क्या आपकी ब्लॉगिंग या लेखन को लेकर भविष्य की कोई योजना है?
सुधा सिंह : ब्लॉगिंग को अधिक समय तो नहीं दे पाती हूँ परंतु एक आम इंसान की तरह मेरी भी कुछ ख्वाहिशें हैं। मैं चाहती हूँ कि मैं कुछ ऐसा लिखूँ जिससे मानव जाति लाभांवित हो; जो एक अच्छे समाज के निर्माण में सहायक हो; जो पढ़ने और सीखने लायक हो; और साहित्य जगत में मुझे भी थोड़ी पहचान मिले।
iBlogger : नये ब्लॉगरों के लिए आप क्या कहना चाहेंगे?
सुधा सिंह : नए ब्लॉगरों से कहूँगी कि वे प्रयास जारी रखें। जाने माने साहित्यकारों को पढ़े और धैर्य के साथ अपने लक्ष्य को लेकर आगे बढ़े।
संत कबीर की इस वाणी को न भूलें कि।।
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।
iBlogger : क्या आपके जीवन की कोई घटना या प्रसंग जो आपके लिए यादगार रही हो और उससे आपको नई सीख मिली हो, हमारे पाठकों के साथ शेयर करेंगे?
सुधा सिंह : ऐसी तो कोई घटना या प्रसंग इस समय मेरे जेहन में नहीं है परंतु हाँ, मैंने हमेशा दूसरों की गलतियों से ही कुछ न कुछ जरूर सीखा है और कोशिश की है कि वह गलतियां मैं न दोहराऊँ।
iBlogger : iBlogger और अपने ब्लॉग के सम्मानित पाठकों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
सुधा सिंह : मैं उन्हें क्या संदेश दूँगी, सभी मुझसे श्रेष्ठ हैं। मुझे उनसे बहुत कुछ सीखना है।
iBlogger : हमारे लिए आप क्या सुझाव देना चाहेंगे?
सुधा सिंह : आप साहित्य के क्षेत्र में बेहतर कर रहे हैं। नए उभरते साहित्यकारों को आप जो मौका देते हैं उसके लिए सभी स्वयं को धन्य समझते हैं। उनमें से ही एक मैं भी हूँ।
iBlogger : अगले वर्ष के लिए होने वाले Blogge of the year 2020 के लिए कोई सुझाव देना चाहेंगे?
सुधा सिंह: मेरा सुझाव मात्र इतना है कि यदि हो सके तो वोटिंग प्रक्रिया थोडा बदलाव लाया जाए। Like आइकॉन दबाने के बाद जब ई-मेल address और password मांगता है तो लोग तुरंत back हो जाते हैं कि कही कुछ गलत न हो जाए। या उनकी कोई गोपनीय जानकारी सार्वजनिक न हो जाए।
iBlogger : सुधा जी, आप अपनी जगह सही है। लाईक आईकन दबाने पर यूजर नेम और पासवर्ड वर्डप्रेस साईट में लॉगइन करने के लिए मांगा जाता है। ताकि कोई भी लाईक वोटिंग का गलत इस्तेमाल न कर सके। इसके लिए पाठक को संबंधित वेबसाईट या ब्लॉग पर लॉगइन बनाना होता है।
आपने iBlogger को अपना कीमती समय दिया, इसके लिए हम आपके तहेदिल से आभारी है
बहुत बधाई ....
जवाब देंहटाएंआभार आपका 🙏 🙏 सादर
हटाएंज्ञानवर्धक जानकारी
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