रविवार, 27 अक्तूबर 2019

खुशियांँ अनलॉक करो(दिवाली गीत )



पैक हुई लाॅकर मे, खुशियाँ अनलॉक करो।
पैक हुई लाॅकर मे, खुशियाँ अनलॉक करो।
बुझे , बुझे मत रहो, थोड़ा तो रॉक करो।
बुझे , बुझे मत रहो, थोड़ा तो रॉक करो।

आई है दिवाली देखो जगमग संसार है... ,
हाँ जगमग संसार है।
हर ओर दीप जले , प्यारा त्योहार है....
हाँ ये प्यारा त्योहार है।
हंसो, गाओ, खेलो, कूदो और थोड़ा माॅक करो।
हंसो, गाओ, खेलो, कूदो और थोड़ा माॅक करो।

पैक हुई लाॅकर मे, खुशियां अनलॉक करो।
पैक हुई लाॅकर मे, खुशियां अनलॉक करो।
बुझे , बुझे मत रहो, थोड़ा तो राॅक करो।
बुझे , बुझे मत रहो, थोड़ा तो राॅक करो।

चकली खाओ, चिवडा खाओ, फूलझड़ी भी खूब जलाओ।
हाँ फूलझड़ी भी खूब जलाओ।
अंधियारे दिलों में भी प्रेम की एक लौ जलाओ।
हाँ प्रेम की एक लौ जलाओ।
बंद दरवाजे पर खुशियों संग नाॅक करो।
बंद दरवाजे पर खुशियों संग नाॅक करो।

पैक हुई लाॅकर मे, खुशियां अनलॉक करो।
पैक हुई लाॅकर मे, खुशियां अनलॉक करो।
बुझे , बुझे मत रहो, थोड़ा तो राॅक करो।
बुझे , बुझे मत रहो, थोड़ा तो राॅक करो।


8 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में सोमवार 29 अक्टूबर 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (29-10-2019) को     "भइया-दोयज पर्व"  (चर्चा अंक- 3503)   पर भी होगी। 
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    -- 
    दीपावली के पंच पर्वों की शृंखला में गोवर्धनपूजा की
    हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई।  
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह बेहतरीन रचना।बहुत ही सुंदर और सार्थक रचना।

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  4. वाह बेहतरीन रचना।बहुत ही सुंदर और सार्थक रचना।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर मस्तीभरी रचना।

    जवाब देंहटाएं

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