नीला अंबर नाच उठा है
पाकर इंद्र के चाप की रेख
छन छन अमृत बरस रहा है
रति मदन का प्रणय देख
सात रंग के आभूषण से
हुआ अलंकृत आज जहान
खिल उठा रुप क्षितिज का
पहन के सतरंगी परिधान
पुलकित हो गई धरा हमारी
मन भी हो रहे बेकाबू
मेघ ले रहे अंगड़ाई
सृष्टि का ये कैसा जादू..
नाचे मोर पंख फैलाए
महक उठी बगिया फुलवारी
वसुधा रोम रोम मुस्काए
जाए इंद्रधनुष पर वारी इंतजार
लाल नारंगी हरा जामुनी
नीला पीला और बैंगनी
इन रंगों के संगम से
जीवन में आती सुंदरता
विविध भावों के जंगम से
जी उठते निर्जीव भी
आती अधरों पर मुस्कान
इंद्रधनुष की छटा देखके
चहके बालक,वृध्द,जवान
सुधा सिंह 🦋
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