आया बसंत, आया बसंत!
झनन - झनन बाजे है
मन का मृदंग
चढ़ गया है सभी पर
प्रेम का रस रँग
बस में अब चित नहीं
बदला है समां- समां
स्पर्श से ऋतुराज के
दिल हुए जवां - जवां
कोकिल सुनाए
मधुर - मधुर गीत
सरसों का रंग
देखो पीत- पीत
खेतों में झूम रही
गेहूँ की बाली
मोरनी भी चाल चले
कैसी मतवाली
ख़ुश हुए अलि - अलि
है खिल गई कली- कली
खग-विहग हैं डार - डार
बज उठे हैं दिल के तार
सात रंगों की फुहार
भ्रमर का मादक मनुहार
प्रकृति भी कर रही
सबका सत्कार है
हुआ मन उल्लसित
चली बसंत की बयार है
धानी चुनर ओढ़
धरणी मुस्काई
तितलियों को देख - देख
गोरी इठलाई
टेसू के फूल और
आम की मंजरियाँ
सुना रहे हैं नित- रोज
नई - नई कहानियाँ
नवजीवन का हर तरफ
हुआ है संचार
आया बसंत लेके
देखो नव बहार
झनन - झनन बाजे है
मन का मृदंग
चढ़ गया है सभी पर
प्रेम का रस रँग
बस में अब चित नहीं
बदला है समां- समां
स्पर्श से ऋतुराज के
दिल हुए जवां - जवां
कोकिल सुनाए
मधुर - मधुर गीत
सरसों का रंग
देखो पीत- पीत
खेतों में झूम रही
गेहूँ की बाली
मोरनी भी चाल चले
कैसी मतवाली
ख़ुश हुए अलि - अलि
है खिल गई कली- कली
खग-विहग हैं डार - डार
बज उठे हैं दिल के तार
सात रंगों की फुहार
भ्रमर का मादक मनुहार
प्रकृति भी कर रही
सबका सत्कार है
हुआ मन उल्लसित
चली बसंत की बयार है
धानी चुनर ओढ़
धरणी मुस्काई
तितलियों को देख - देख
गोरी इठलाई
टेसू के फूल और
आम की मंजरियाँ
सुना रहे हैं नित- रोज
नई - नई कहानियाँ
नवजीवन का हर तरफ
हुआ है संचार
आया बसंत लेके
देखो नव बहार
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