निकली बवाली ये बातें बिना बात
मुकाबला बड़ा अलहदा हो गया है
बवाली बवाल ने ऐसा बलवा मचाया
कि चिट्ठा जगत बावला हो गया है
रचे कोई कविता और कोई कहानी
कि बेबात ये मामला हो गया है
बनता कभी है, ये फूटता कभी
अजी पानी का ये बुलबुला हो गया है
बाजी है किसकी और हारेगा कौन
बुझन में कितना झमेला हो गया है
खलल डाले नींदो मे, रातें हराम
तगड़ा बड़ा मसअला हो गया है
सिर चढ़ के सबके ये नाचन लगा है
तीन आखर का ये हौसला हो गया है
अजी छोडो बिना बात बातें बवाली
ये बवाल अब बड़ा मनचला हो गया है
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