शनिवार, 17 नवंबर 2018

एक और वनवास


~एक नया वनवास~

ढूँढ रही थी अपने पिता की छवि
उस घर के  सबसे बड़े पुरुष में
एक स्त्री को माँ भी समझ लिया था
प्रेम की गंगा बह रही थी हृदय से मेरे
लगा था बाबुल का घर छूटा तो क्या हुआ
एक स्वर्ग जैसा घर फिर से ईश्वर ने मुझे भेट में दे दिया
एक बहन भी मिल गई है सुख दुख बाँटने को
सब कुछ यूटोपिया सा
फिर अचानक से मानो ख्वाब टूटा
शायद मेरा भाग्य था फूटा
एक खौफ सा मंडराता था शाम - ओ-  सहर
मेरे सामने था मेरे सुनहरे सपनों का खंडहर
संत का वेश धरे थे
कुछ आततायी मेरे सामने खड़े थे
और उन सबका विकृत रूप
छीः कितना घिनौना और कितना कुरूप...

सपनों के राजमहल में
कैकेयी और मंथरा ने
फिर अपना रूप दिखाया था.
सीता की झोली में
 फिर से वनवास आया था.
फर्क इतना था कि इस बार
मंथरा दासी नहीं, पुत्री रूप में थी
और दशरथ थे  कैकेयी और
मंथरा के मोहपाश में..
हुआ फिर से वही जो
हमेशा से होता आया था
राम और सीता ने इस बार मात्र चौदह वर्ष नहीं,
अपितु जीवनभर का वनवास पाया था.
राम और सीता ने इस बार
आजीवन वनवास पाया था.

©®सुधा सिंह 🖋

सोमवार, 5 नवंबर 2018

मेरी प्रेयसी.... 💖हाइकू


मेरी प्रेयसी... 💖 हाइकू

1:
मन मंदिर
प्रेयसी का हमारी
प्रेम अमर

2:
उजला रंग
सुन्दर चितवन
छेड़े तरंग

3:
अपनापन
गोरी तू जताती
न सकुचाती

4:
मनभावन
लबों पर मुस्कान
तू मेरी जान

5:
चाँद सा मुख
आवाज़ में मिठास
हो सुखाभास

6:
गीतमाला तू
जीवन उजाला तू
प्रेमवर्षा तू

7:
 पास हो तुम
अहसास हो तुम
होश हैं गुम.

8:
मन की बात
प्यार भरी सौगात
रहा हूँ बाँट


सुधा सिंह 🦋 03.01.16

गुरुवार, 11 अक्तूबर 2018

ढल जा ऐ रात....




ढल जा ऐ रात...
मुझे सूरज को मनाना है
बहुत दिन हुए
न जाने क्यूँ...
मुझसे रूठा हुआ है...

गुरुवार, 20 सितंबर 2018

बुधवार, 19 सितंबर 2018

मना है...


न  दौड़ना मना है,   उड़ना मना है
न गिरना मना है , न चलना मना है!
जो बादल घनेरे, करें शक्ति प्रदर्शन
तो भयभीत होना, सहमना मना है!

पत्थर मिलेंगे, और कंकड़ भी होंगे.
राहों में कंटक, सहस्त्रों चुभेंगे!
कछुए की भाँति निरन्तर चलो तुम,
खरगोश बन कर, ठहरना मना है!

भानु, शशि को भी लगते ग्रहण हैं..
विपदाओं को वे भी, करते सहन हैं!
विधाता ने गिनती की साँसे हैं बख्शी..
उन साँसों का दुरुपयोग करना मना है!

गिरा जो पसीना, तो उपजेगा सोना.
लहू भी गिरे तो, न हैरां ही होना .
निकलेगा सूरज, अंधेरा छटेगा.
नया हो सवेरा , तो सोना मना है!!!

📝 सुधा सिंह 🦋