मुझे ऐसा हिंदुस्तान चाहिए!
मुझे एक खुला और उन्मुक्त आसमान चाहिए!
बिके जहाँ आशा का सूरज, ऐसी एक दुकान चाहिए! (1)
संवेदनाए अभी बाकी हो जिसमें, ऐसा इन्सान चाहिए!
दरों -दीवारों से टपके जहाँ प्रेम रस, ऐसा एक मकान चाहिए!(2)
मझधार में फंसे डूबते जहाज को जो पार लगा दे, ऐसा कप्तान चाहिए!
देशहित में जी - जान लुटा दे, ऐसा नौजवान चाहिए!(3)
रेगिस्तान में जो पुष्प खिला दे, ऐसा बागबान चाहिए!
दुर्दिन में भी जो अविचल रहे, ऐसा ईमान चाहिए!(4)
जो सुप्त आत्मा को जगा दे, ऐसा अंतरज्ञान चाहिए!
जो उन्नत शिखर तक पहुंचा दे, ऐसा सोपान चाहिए!(5)
देश की गरीबी और भुखमरी का, समाधान चाहिए!
आरक्षण की बात न हो जिसमें, ऐसा एक संविधान चाहिए!(6)
धर्म - अधर्म से परे हो जो, ऐसा एक जहान चाहिए!
चैन से जी सकूँ जहाँ, हाँ.. मुझे ऐसा हिंदुस्तान चाहिए! (7)
सुधा सिंह 🦋