मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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सोमवार, 23 सितंबर 2019
प्रतीक्षा..
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प्रतीक्षा एक सदी से प्रतीक्षा कर रही हूँ ! कुछ उधड़ी परतें सिल चुकी हूँ! कुछ सिलनी बाकी है! कई- कई बार सिल चुकी हूँ पहले भी ...
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रविवार, 22 सितंबर 2019
तेरे आंगन की गौरैया मैं .....
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Daughters day माँ, माना कि तेरे आंगन की गौरैया हूँ मैं... कभी इस डाल कभी उस डाल, फुदकती रहती हूँ यहाँ- वहाँ! विचरती रहती हूँ न...
14 टिप्पणियां:
शनिवार, 31 अगस्त 2019
मेरी सपनीली दुनिया
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ऐ मेरे नन्हें से दिल, तू धड़कता है न अच्छा लगता है मुझे तेरा स्पन्दन चल ले चलती हूँ आज तुझे एक नई दुनिया में और कराती हूँ सैर अप...
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गुरुवार, 29 अगस्त 2019
काश!!!
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काश काश दूर दूर तक फैली सघन नीरवता, निर्जनता, हड्डियाँ पिघलाती जलाती धूप. सूखता कंठ, मृतप्राय शिथिल तन से चूता...
11 टिप्पणियां:
शनिवार, 17 अगस्त 2019
दर्द
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दर्द दर्द कहाँ सुंदर होता है दर्द को भला कभी कोई अच्छा कहता है दर्द सालता है दर्द कचोटता है, चुभता है इसका रूप भयाव...
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