IBlogger interview

शनिवार, 31 अगस्त 2019

मेरी सपनीली दुनिया





ऐ मेरे नन्हें से दिल, तू धड़कता है न
अच्छा लगता है मुझे तेरा स्पन्दन
चल ले चलती हूँ आज तुझे
एक नई दुनिया में
और कराती हूँ सैर
अपनी उसी प्यारी सी दुनिया की
जिसके कोमल एहसास
को जीने के लिए
मैंने और तुमने भी तो
न जाने कितनी
रातें जग - जगकर
करवटों में गुजार दी

इस बेरहम दुनिया
की निष्ठुरता,
धोखे, चालबाजी और
झूठ को सहते सहते
जिंदगी गुजार दी
चल ले चलती हूँ तुझे
उस जहाँ में जहाँ
दुख, संताप, झंझट और
रोजमर्रा की परेशानियां नहीं है
जहाँ प्रेम की
अविरल धारा लगातार बहती है
जो मुझे अपने आगोश में
लेने के लिए बेताब रहती है
चल कराऊँ तुझे आज उसी
मखमली दुनिया की सैर
जो शायद सब की तकदीर में नहीं है
क्योंकि वे सपने नहीं देखते
बस अपने वर्तमान से
लड़ते लड़ते चूर होकर
हमेशा के लिए नींद की
आगोश में चले जाते हैं.

2 टिप्‍पणियां:

  1. सचाई से कैसा नुम्ह मोड़ना ... चाहे कठोर ही सही ... जितना जल्दी हो सामना कर लेना चाहिए ...

    जवाब देंहटाएं
  2. सुधा दी,जिंदगी की सच्चाई व्यक्त करती बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति।

    जवाब देंहटाएं

पाठक की टिप्पणियाँ किसी भी रचनाकार के लिए पोषक तत्व के समान होती हैं ।अतः आपसे अनुरोध है कि अपनी बहुमूल्य टिप्पणियों द्वारा मेरा मार्गदर्शन करें।☝️👇