मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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बुधवार, 24 अप्रैल 2019
तुम बिन....
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तुम बिन ..... मेरी रगों में लहू बनकर बहने वाले तुम ये तो बता दो कि मुझमें मैं बची हूँ कितनी तुम्हारा ख्याल जब - तब आक...
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शनिवार, 2 फ़रवरी 2019
सिसकती यादें....
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सिसकती यादें... उस पुराने संदूक में पड़ी थी यादों की कुछ किरचें. खुलते ही हरे हो गए कुछ मवादी जख्म. जो रिस रहे थे धीरे - धीरे. ...
7 टिप्पणियां:
वो संदली एहसास...
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वो संदली एहसास.. खुला यादों का किवाड़, और बिखर गई हर्ष की अनगिन स्मृतियाँ. झिलमिलाती रोशनी में नहाई वो शुभ्र धवल यादें, मेरे द...
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