मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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शनिवार, 11 जुलाई 2020
दोहे-वर्षा ऋतु
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1:दादुर: दादुर टर- टर बोलते,बारिश की है आस। बदरा आओ झूमके, करना नहीं निराश।। 2 :हरीतिमा: वृक्ष धरा पर खूब हो, भरे अन्न भंडार । हरीतिमा...
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मंगलवार, 28 अप्रैल 2020
दोहे:6
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31:ईश्वर: शुक्ति मध्ये मोती ज्यों, मन माही त्यों राम। अपने हिय को शोध ले, वही ईश का धाम।। ♦️♦️♦️♦️ 32:प्रकृति: वन उपवन उजा...
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बुधवार, 13 नवंबर 2019
कुछ जीवनोपयोगी दोहे ..1
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1:रिश्ते : यारों इस संसार में, रिश्तों का न मोल। जिन नातों में प्रेम है , हैं वे ही अनमोल।। 2:कालिमा : मन में हो ...
7 टिप्पणियां:
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