मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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रविवार, 21 जून 2020
जीवन:
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मुक्तक जियो तुम इस तरह जीवन, तुम्हारी धाक हो जाए। करो कुछ कर्म ऐसे कि, सभी आवाक हो जाएं। वो जीवन भी है क्या जीवन , हताशा मे...
1 टिप्पणी:
सोमवार, 15 जून 2020
सुशांत सिंह राजपूत
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कैसे कह दूँ कि तू राजपूत था राजपूतों का इतिहास अजर है अमर है किसी राजपूत ने रणक्षेत्र में आज तक पीठ नहीं दिखाई तू कैसे हार ग...
7 टिप्पणियां:
शनिवार, 13 जून 2020
हे जग तारणहार
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अमीर छंद ************** विधान ~ 11,11 हे जग तारणहार । कर जोड़ूँ बारंबार।। हम सबके भर्तार। कर दो बेड़ा पार।। बढ़ा है दुराचार। उच्छृंख...
13 टिप्पणियां:
शुक्रवार, 12 जून 2020
रेखाएँ
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रेखाएँ, रेखाएँ बहुत कुछ कहती हैं... उदासीनता, निस्संगता का सुदृढ़ रूप रेखाएँ, निर्मित होती हैं भिन्नताओं के बीच दो बहि...
15 टिप्पणियां:
रविवार, 7 जून 2020
विषय :प्रेम बीज
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विधा :मनहरण घनाक्षरी प्रेम का प्रसार हो जी, सुखी संसार हो जी। स्नेह बीज रोपने हैं, हाथ तो बढ़ाइये। 1। दुख दर्द सोख ल...
14 टिप्पणियां:
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