मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
IBlogger interview
(यहां ले जाएं ...)
Home
सबरंग क्षितिज :विधा संगम
Pankhudiya
IBlogger interview
मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
▼
शायरी
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
शायरी
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
रविवार, 21 अप्रैल 2019
कीरचें...
›
वो समझ नहीं पाए, मैं समझाती रह गई। उनके अहम में, मैं खुद को मिटाती रह गई। उजाड़ी थी बागबां ने ही, बगिया हरी - भरी गुलाब सी मैं, का...
10 टिप्पणियां:
शनिवार, 12 मई 2018
बेदाम मोहब्बत
›
तमाम कोशिशें उन्हें पाने की गोया नाकाम हुई रातें कटती हैं करवटों में मेरी नींदें भी हराम हुई न वो इकरार करते हैं न ही इनकार करते हैं...
बुधवार, 25 अप्रैल 2018
ये कैसी उकूबत थी उनकी
›
ये कैसी उकूबत थी उनकी ये कैसी उकूबत थी उनकी, हमें चोटिल ज़रर कर गए हमने लिखी इबारतें सदा उनके नाम की बिन पढे ही उन्हें वो बेकदर क...
मंगलवार, 24 अप्रैल 2018
तफ़ावत
›
उनकी कुरबत भले ही मेरे रकीब के नसीब हो जो चेहरे पर तबस्सुम खिले उनके, तो तफ़ावत भी उनकी मंजूर है हमें सुधा सिंह 🦋...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें