मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
IBlogger interview
(यहां ले जाएं ...)
Home
सबरंग क्षितिज :विधा संगम
Pankhudiya
IBlogger interview
मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
▼
बचपन
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
बचपन
लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं.
सभी संदेश दिखाएं
मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020
दुधमुँहा बचपन
›
क्या कहने उस मासूमियत के जो किसी वयस्क की चप्पलें उल्टे पैरों में पहने चली आई थी मेरे दरवाजे पर, पाँवों को उचकाकर धीरे धीरे अप...
रविवार, 9 फ़रवरी 2020
ऐ बचपन....
›
ऐ बचपन.... अपनी उंगली ऐ बचपन पकड़ा दे मुझे घुट रही साँस मेरी , फिर से जिला दे मुझे हारी हूँ जिंदगी की मैं हर ठौर में लौट जाऊँ मैं फ...
1 टिप्पणी:
रविवार, 21 मई 2017
मुझे मेरा बचपन पुनः चाहिए!
›
मुझे मेरा बचपन पुनः चाहिए, पाने फिर इनको कहाँ जाइये? वो पेड़ो पर चढ़ना, गिलहरी पकड़ना, अमिया की डाली पर झूले लगाना, वो पेंगें मारके ...
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें