मत हार मानकर ऐसे बैठ,
कर अपने पंखों पर विश्वास ॥
अंबर नीचे आ जाएगा
और तुझको होगा ये एहसास ॥
जब निश्चय दृढ हो जाता है
पूरी होती है हर आस॥
अवरोध सभी मिट जाते हैं
जब दिल से कोई करे प्रयास॥
हर ओर उजाला होता है
अंधकार का होता ह्रास ॥
जीत नई अंगडाई लेती
और बनाती रिपु को ग्रास॥
मन में धधकेगी जब 'लौ' तो
समय बनेगा तेरा दास ॥
डैनों में भरके नये हौसले
उड़ चल और नाप आकाश ॥
मत हार मानकर ऐसे बैठ
कर अपने पंखों पर विश्वास ॥
सुंदर!
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