मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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गुरुवार, 6 जनवरी 2022
दीप मन का सदा जगमगाता रहे– गीत
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दीप मन का सदा जगमगाता रहे डर करोना का दिल से भी जाता रहे रौशनी की जगह ,वो तिमिर दे गया मन की आशाएँ ,इच्छाएं वो ले गया अब हुआ है सबेरा, जगो...
1 टिप्पणी:
मंगलवार, 22 जून 2021
संकट मोचक हे हनुमान (भजन)
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संकट मोचक हे हनुमान, चहुँदिस पसरा है अज्ञान। कोरोना की मार पड़ी है उलझन में बिखरा इंसान।। आई विपदा हमें संभालो इस संकट से प्रभु बचा लो। ...
सोमवार, 14 जून 2021
कर्ज़
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मन हरण घनाक्षरी विषय :कर्ज़(11/10/2020) रूखा सूखा खाइए जी ठंडा पानी पीजिए जी दूजे से उधार किन्तु लेने नहीं जाइए रातों को न नींद आ...
रविवार, 6 जून 2021
गरीब, गरीबी और उनका धाम
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एक चौराहा, उसके जैसे कई चौराहे, सड़क के दोनों किनारों के फुटपाथों पर बनी नीली- पीली, हरी -काली पन्नियों वाली झुग्गियाँ, पोटली में लिपटे...
4 टिप्पणियां:
मंगलवार, 1 जून 2021
मनुहार - व्याघ्र छंद
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अम्बर सजे तारे, खुला हिय का हर द्वार है खुशियाँ सिमट आईं,बही प्यार की बयार है त्योहार की ऋतु है, बजे ढोलकी मृदंग हैं। प्रिय साथ दे जो तू...
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