मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
IBlogger interview
(यहां ले जाएं ...)
Home
सबरंग क्षितिज :विधा संगम
Pankhudiya
IBlogger interview
मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
▼
मंगलवार, 22 जून 2021
संकट मोचक हे हनुमान (भजन)
›
संकट मोचक हे हनुमान, चहुँदिस पसरा है अज्ञान। कोरोना की मार पड़ी है उलझन में बिखरा इंसान।। आई विपदा हमें संभालो इस संकट से प्रभु बचा लो। ...
सोमवार, 14 जून 2021
कर्ज़
›
मन हरण घनाक्षरी विषय :कर्ज़(11/10/2020) रूखा सूखा खाइए जी ठंडा पानी पीजिए जी दूजे से उधार किन्तु लेने नहीं जाइए रातों को न नींद आ...
रविवार, 6 जून 2021
गरीब, गरीबी और उनका धाम
›
एक चौराहा, उसके जैसे कई चौराहे, सड़क के दोनों किनारों के फुटपाथों पर बनी नीली- पीली, हरी -काली पन्नियों वाली झुग्गियाँ, पोटली में लिपटे...
4 टिप्पणियां:
मंगलवार, 1 जून 2021
मनुहार - व्याघ्र छंद
›
अम्बर सजे तारे, खुला हिय का हर द्वार है खुशियाँ सिमट आईं,बही प्यार की बयार है त्योहार की ऋतु है, बजे ढोलकी मृदंग हैं। प्रिय साथ दे जो तू...
मंगलवार, 4 मई 2021
ओ कान्हा मोरे
›
ओ कान्हा मोरे (भजन) ओ कान्हा मोरे, बंसी फिर से बजा दो। तुम्हरे दरस को प्यासे नैना, फिर से दरस दिखा दो।। तुम बिन मन मेरा, लागे कहीं न अब...
1 टिप्पणी:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें