मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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शनिवार, 31 अगस्त 2019
मेरी सपनीली दुनिया
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ऐ मेरे नन्हें से दिल, तू धड़कता है न अच्छा लगता है मुझे तेरा स्पन्दन चल ले चलती हूँ आज तुझे एक नई दुनिया में और कराती हूँ सैर अप...
2 टिप्पणियां:
गुरुवार, 29 अगस्त 2019
काश!!!
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काश काश दूर दूर तक फैली सघन नीरवता, निर्जनता, हड्डियाँ पिघलाती जलाती धूप. सूखता कंठ, मृतप्राय शिथिल तन से चूता...
11 टिप्पणियां:
शनिवार, 17 अगस्त 2019
दर्द
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दर्द दर्द कहाँ सुंदर होता है दर्द को भला कभी कोई अच्छा कहता है दर्द सालता है दर्द कचोटता है, चुभता है इसका रूप भयाव...
10 टिप्पणियां:
मंगलवार, 30 जुलाई 2019
कहाँ पाऊँ आपको..
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कहाँ पाऊँ आपको, पापा... किन राहों में आपकी तलाश करूँ कुछ भी तो सूझता नहीं है अब सब कुछ तो शून्य कर गये आप... कहकर 'बहिनी...
8 टिप्पणियां:
रविवार, 30 जून 2019
हे शीर्षस्थ घर के मेरे...
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बिखरते रिश्ते हे शीर्षस्थ घर के मेरे लखो तो टूट टूटकर सारे मोती यहाँ वहाँ पर बिखर रहे कोई अपने रूप पर मर मिटा है स्व...
6 टिप्पणियां:
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