मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
IBlogger interview
(यहां ले जाएं ...)
Home
सबरंग क्षितिज :विधा संगम
Pankhudiya
IBlogger interview
मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
▼
गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019
ललकार रहा है हिंदुस्तान...
›
ललकार रहा है हिंदुस्तान ललकार रहा है हिन्दुस्तान सुधर जा ओ अब पाकिस्तान! मारो, काटो, आतंक करो... ऐ दहशत गर्दों शर्म करो... क्या इ...
8 टिप्पणियां:
बुधवार, 6 फ़रवरी 2019
धुंँधले अल्फाज़..
›
छूटा कुछ भी नहीं है । जिन्दगी के हर सफ़हे को बड़ी इत्मीनान से पढ़ा है मैंने। मटमैली जिल्द चढ़ी वह किताब बिलकुल सही पते पर आई थी। ...
17 टिप्पणियां:
आया वसंत.. हाइकू
›
आया वसंत (हाइकू) आया वसंत कूजति कोयलिया गूंजी धरणी फूली सरसो पियराई अवनि छाई मुस्कान अमराई में ...
8 टिप्पणियां:
शनिवार, 2 फ़रवरी 2019
सिसकती यादें....
›
सिसकती यादें... उस पुराने संदूक में पड़ी थी यादों की कुछ किरचें. खुलते ही हरे हो गए कुछ मवादी जख्म. जो रिस रहे थे धीरे - धीरे. ...
7 टिप्पणियां:
वो संदली एहसास...
›
वो संदली एहसास.. खुला यादों का किवाड़, और बिखर गई हर्ष की अनगिन स्मृतियाँ. झिलमिलाती रोशनी में नहाई वो शुभ्र धवल यादें, मेरे द...
6 टिप्पणियां:
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें