मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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सोमवार, 28 जनवरी 2019
पथिक अहो...
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पथिक अहो..... मत व्याकुल हो!!! डर से न डरो न आकुल हो। नव पथ का तुम संधान करो और ध्येय पर अपने ध्यान धरो । नहीं सहज है उसपर चल पा...
14 टिप्पणियां:
रविवार, 27 जनवरी 2019
यह भी तो कहो.....
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ठहरो!!! मेरे बारे में कोई धारणा न बनाओ। यह आवश्यक तो नहीं, कि जो तुम्हें पसंद है, मैं भी उसे पसंद करूँ। मेरा और तुम्हारा परिप्रे...
22 टिप्पणियां:
गुरुवार, 24 जनवरी 2019
कोल्हू का बैल
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कोल्हू का बैल बैल है वह कोल्हू का नधा रहता है सतत विचारशून्य हो कोल्हू में . कुदरत की रंगीनियों से अनजान स्याह उमस भरी चा...
शनिवार, 19 जनवरी 2019
तहरीर
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तहरीर अपने हाथों से अपनी तकदीर लिखनी है अब मुझे एक नई तहरीर लिखनी है। डूबेगी नहीं मेरी कश्ती साहिल पे आके समंदर के आकिबत अब जंजीर...
शुक्रवार, 18 जनवरी 2019
मर्जी तो मेरी ही चलेगी......
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आज कल वो रोज मिलने लगा है. बेवक्त ही, आकर खड़ा हो जाता है मेरी दहलीज पर. "कहता है- तुम्हारे पास ही रहूँगा. बड़ा लगाव है, बड़ा स...
2 टिप्पणियां:
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