मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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सबरंग क्षितिज :विधा संगम
Pankhudiya
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मंगलवार, 26 दिसंबर 2023
तड़पे ओजहीन हो..
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नवगीत:2 तड़पे ओजहीन हो वसुधा तड़पे ओजहीन हो वसुधा रसमय स्नेह सुधा बरसाना निर्दयता हृदय में धरकर बिसरे सुरभित कुसुम खिलाना 1 छालों से आहत ...
श्री राम स्तुति :कतिपय दोहे
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अवधपुरी हर्षित हुई, जन्में बालक राम । प्रमुदित सब नर नारियाँ,छवि देखी अभिराम।। दो अक्षर का नाम है, रघुकुल नंदन राम सुमिरन कर ले रे मना, प्...
देर ना करना पिया जी... गीत
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देर ना करना पिया जी... गीत देर ना करना पिया जी आस की फिर लौ जली है । चाँदनी भी खिलखिलाई बाग में चटकी कली है ।। तान छेड़े मन मुरलिया, रात दिन...
रविवार, 18 सितंबर 2022
कहते थे पापा
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कहते थे पापा, " बेटी! तुम सबसे अलग हो! सब्र जितना है तुममें किसी और में कहाँ! तुम सीता - सा सब्र रखती हो!! " बोल ये पिता के थे...
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गुरुवार, 6 जनवरी 2022
दीप मन का सदा जगमगाता रहे– गीत
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दीप मन का सदा जगमगाता रहे डर करोना का दिल से भी जाता रहे रौशनी की जगह ,वो तिमिर दे गया मन की आशाएँ ,इच्छाएं वो ले गया अब हुआ है सबेरा, जगो...
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