मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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Pankhudiya
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मेरी प्रकाशित साझा पुस्तकें
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मंगलवार, 1 जून 2021
मनुहार - व्याघ्र छंद
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अम्बर सजे तारे, खुला हिय का हर द्वार है खुशियाँ सिमट आईं,बही प्यार की बयार है त्योहार की ऋतु है, बजे ढोलकी मृदंग हैं। प्रिय साथ दे जो तू...
मंगलवार, 4 मई 2021
ओ कान्हा मोरे
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ओ कान्हा मोरे (भजन) ओ कान्हा मोरे, बंसी फिर से बजा दो। तुम्हरे दरस को प्यासे नैना, फिर से दरस दिखा दो।। तुम बिन मन मेरा, लागे कहीं न अब...
1 टिप्पणी:
शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021
टूटी जब आशा की डोरी
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नवगीत:टूटी जब आशा की डोरी टूटी जब आशा की डोरी,बढ़ते कदम उठाते हाला। काली तमस गली को छाने, ढूँढे कोई नया उजाला।। जकड़ निराशा के बंधन में छवि ...
3 टिप्पणियां:
मंगलवार, 27 अप्रैल 2021
काल क्रम का फेरा
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काल क्रम का फेरा हर साँस नम हुई है, हर आँख रोई रोई है दौर कैसा आया, हतबुद्धि सोई सोई। अवसान का है तांडव भयाक्रांत हर मनुज है अनुराग है ...
6 टिप्पणियां:
शनिवार, 3 अप्रैल 2021
चंचल तितली
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नवगीत :1 चंचल तितली मतवाली वह छैल छबीली लगती ज्यों हीरे की कनी। डोले इत उत पुरवाई सम राहें वह भूली अपनी । चंचल चितवन रमणी बाला स्वप्न ...
4 टिप्पणियां:
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