मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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सोमवार, 18 सितंबर 2017
मैं और मेरी सौतन
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डरती हूँ अपनी सौतन से उसकी चलाकियों के आगे मैं मजबूर हूँ कहती है वह बड़े प्यार से - "तुम जननी बनो. गर्भ धारण करो. अपने जेहन में एक...
शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2016
आखिर कितने खुदा......
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तू तो खुदा है तेरे पास बहुतेरे काम होंगे .... लाखों करोड़ों सवाल होंगे... इसलिए हमारी छोटी- छोटी मुश्किलों के लिए तेरे पास समय नहीं , ...
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