मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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सोमवार, 16 मार्च 2020
तटस्थ तुम...
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देखो... जमाने की नज़रों में सब कुछ कितना सुंदर प्रतीत होता है न मांग में भरा ये खूबसूरत सिंदूर, ये मंगलसूत्र सुह...
7 टिप्पणियां:
रविवार, 8 मार्च 2020
मेरा आधिकारिक अवकाश
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वो जो इतवार के एक दिन का आधिकारिक अवकाश मिलता है मुझे कहो, अपनी कहूँ या फिर सुनूँ उनकी.. या फिर से वही ...
10 टिप्पणियां:
रविवार, 27 जनवरी 2019
यह भी तो कहो.....
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ठहरो!!! मेरे बारे में कोई धारणा न बनाओ। यह आवश्यक तो नहीं, कि जो तुम्हें पसंद है, मैं भी उसे पसंद करूँ। मेरा और तुम्हारा परिप्रे...
22 टिप्पणियां:
गुरुवार, 30 अगस्त 2018
कहना तो था पर..
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कहना तो था पर कभी कह न पाई!!! सोचकर ये कि, पड़ोसी क्या कहेंगे... समाज क्या कहेगा.... दुनिया क्या कहेगी.... मैं कुछ कह न पाई!!!! ...
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