मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
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मंगलवार, 1 जून 2021
मनुहार - व्याघ्र छंद
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अम्बर सजे तारे, खुला हिय का हर द्वार है खुशियाँ सिमट आईं,बही प्यार की बयार है त्योहार की ऋतु है, बजे ढोलकी मृदंग हैं। प्रिय साथ दे जो तू...
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