मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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गुरुवार, 26 अप्रैल 2018
अस्तित्व है क्या....
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अस्तित्व है क्या? क्या रूप नया! क्या जीवित रहना अस्तित्व है? या कुछ पा लेना अस्तित्व है? ये अस्तित्व है प्रश्नवाचक क्यों? और सब...
गुरुवार, 30 नवंबर 2017
मानवता की आवाज़
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कुछ चाहतों, ख्वाहिशों का अंबार लगा है! सपनों का एक फानूस आसमान में टंगा है! उछल कर,कभी कूदकर, उसे पाने की कोशिश में बार बार हो ज...
मंगलवार, 25 अगस्त 2015
वह 'नर' ही 'नर' कहलाता है
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जो पीर पराई समझ सके, संग ईश्वर उसके रहता है। निज स्वार्थ त्याग कर जो अपना, दूजे का दर्द समझता है। है मानस वह बड़ा महान, जो परहित सदा सो...
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