मेरी जुबानी : मेरी आत्माभिव्यक्ति
मेरी कविताओं ,कहानियों और भावों का संसार.
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बुधवार, 2 मई 2018
जिन्दगी - 3
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नही छोड़ती कोई कसर, जिन्दगी हमें आजमाने में एक मजदूर ही तो हैं हम, जीवन के इस कारखाने में गिर्द बांध दिया है इसने, इक ऐसा मोह बंधन...
शनिवार, 21 मई 2016
धुंध
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किस ओर का रुख करूँ, जाऊँ किस ओर मंजिल बड़ी ही दूर जान पड़ती है। मन आज बड़ा ही विकल है, अकुलाहट का घेरा है हवा भी आज न जाने क्यूँ ,बेहद ...
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